Sunday, May 24, 2020

Advisory of Police post Lockdown#4

पुलिस ने की एडवाइजरी जारी
*"सावधान-----बढ़ सकता है गुंडागर्दी, डकैती , चोरी, छिनतई अपराध लोकडौन खुलने के बाद  एक महत्वपूर्ण संदेश"*

*अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति लगभग शून्य हो गयी है,  और पहले ही लूटपाट करने वाले भी लगभग घर में बंद थे लॉकडाउन के चलते ।  पर अब 1 जून 20 को लॉकडाउन खुलने पर इस कारण अपराध में उछाल आयेगा ऐसी आशंका जताई जा रही है।  पब्लिक ज्यादातर मास्क पहेनेगी अतः पहचानना मुश्किल होगा। इसी का फायदा उठा कर लुटेरे भी आपको लूट सकते है।

लूट पाट, छीना झपटी व चोरी-चकारी में तेजी आयेगी।*शहरों या कस्बों में हम सभी को स्थिति से अवगत होना चाहिए। जब एक बार लॉकडाउन आंशिक रूप से / पूरी तरह से उठा लिया जाता है।*अपने आप को अपने परिवार और अपने सामान को बचाने में सक्रिय रखें। *जितने दिन भी, इन दिनों लाँकडाउन रहेगा, उन सभी दिनों में कमाई लगभग 'न' के बराबर होगी, इसलिए नौकरी छूटने / व्यापार पर कुप्रभाव के कारण, असामाजिक घटनाओं में अचानक उछाल आ सकता है।*

 *1. लोगों को बहुत सावधान रहना होगा। इसमें घर के लोग, बच्चे, स्कूल और कॉलेज जाने वाले लड़के / लड़कियां, कामकाजी महिला/पुरुष शामिल हैं।*
 *2. इस दौरान हो सके तो महंगी घड़ियाँ न पहनें। 
 *3. महंगे चेन, चूड़ियां, ईयर रिंग्स न पहनें। अपने हैंड बैग्स के साथ सावधानी बरतें।*
 *4. पुरुष हाई एंड वॉच, महंगे कंगन और चेन पहनने से परहेज करें।*
 *5. अपने मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल जनता (सार्वजनिक) में न करें।  सार्वजनिक रूप से मोबाइल का उपयोग कम से कम करने की कोशिश करें।*
 *6. किसी भी अजनबी को वाहन में लिफ्ट न दें।*
 *7. आवश्यकता से अधिक धन लेकर साथ भ्रमण पर न जाएं।*
 *8. अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षित रखें।*
 *9. अपने बड़ों, पत्नी और बच्चों के कल्याण के बारे में जानने के लिए समय-समय पर घर पर फोन करते रहें।*
 *10. घर के बड़ों और लोगों को निर्देश दें कि दरवाजे की घंटी बजाते समय मुख्य दरवाजे से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, यदि संभव हो तो ग्रिल गेट का प्रयोग करें। किसी पार्सल या पत्र प्राप्त करने के लिए ग्रिल के करीब न जाने दें।*
 *11. बच्चों को जितना हो सके समय पर घर जल्दी लौटने की हिदायत दें।*
 *12. घर तक पहुँचने के लिए किसी भी एकांत या छोटी शॉर्टकट वाली सड़कों का प्रयोग न करें, कोशिश यही करें कि अधिकतम मुख्य सड़कों का उपयोग करें।*
 *13. जब आप बाहर होते हैं तो अपने आसपास के संदिग्ध लोगों पर नजर रखें।*
 *14. हमेशा हाथ में एक आपातकालीन नंबर होना चाहिए।*
 *15. लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।*
 *16. *पब्लिक ज्यादातर मास्क पहेनेगी अतः पहचानना मुश्किल होगा*।
 *17. जो कैब सेवाओं का उपयोग करते हैं, कृपया अपनी यात्रा का विवरण अपने माता-पिता, भाई-बहन, रिश्तेदारों, दोस्तों या अभिभावकों के साथ साझा करें।*
 *18. सरकारी परिवहन प्रणाली की कोशिश करें और उसका उपयोग करें।*
*19. भीड़ वाली बसों से बचें* 
*20. अपने दैनिक सैर के लिए उजाले में लगभग सुबह 6.00 बजे के आसपास जाएं, शाम को अधिकतम 8:00 बजे तक मुख्य सड़कों का उपयोग करें।  खाली सड़कों से बचें।*
 *20. मॉल, समुद्र तट और पार्कों में ज्यादा समय न बिताएं।*
 *21. अगर बच्चों को ट्यूशन क्लासेस अटेंड करना है तो बड़ों को उन्हें लाने एवं छोडने की जिम्मेदारी दें।*
 *22. अपने वाहनों में कोई कीमती सामान न छोड़ें।*

 *"कम से कम  कुछ 6 महीने या समग्र स्थिति में सुधार होने तक इसका पालन करना होगा।" आप सभी घरवालों के साथ इस जानकारी को साझा करें ...*

Our Heroes

Maharana Pratap was the HERO of India

Make India Self Reliant... its need of hour

भारत को आत्मनिर्भर बनाने की  महत्वपूर्ण जानकारी..

क्या आपको पता है जिस Hindustan Lever Limited  के सौंदर्य प्रशासन आप आज खरीद रहे हो यह ब्रिटेन के दो भाई लीवर ब्रदर्स की कंपनी है जिन्होंने 1898  मैं मेरठ के अंदर पहला कारखाना लगाया था इस कारखाने में नहाने का साबुन बनाया नही गया बल्कि लीवर ब्रदर्स अन्य देशों से साबुन लाकर यहां सप्लाई करते थे, आप यूं कह सकते हो कि भारत में साबुन से नहाने का का प्रयोग 1898 मैं किया था..!

मगर यह साबुन सिर्फ अंग्रेजों को और राजे महाराजाओं को ही दिया जाता था आम जनता को साबुन नहीं दिया जाता, ब्रिटिश सेना में जो हमारे भारतीय सैनिक थे उन्हें हर महीने एक साबुन दिया जाता था.! 

भारत के कई बड़े व्यापारी  को यह बात अच्छी नहीं लगी उन्हीं में से एक थे रतन टाटा के दादाजी जमशेद जी टाटा  उन्होंने इस कंपनी को टक्कर देने के लिए स्वदेशी कंपनी लाने की योजना बनाई जिसके  product पर हर भारतीय का अधिकार हो ..।

यही सोचकर उन्होंने मैसूर के शासक कृष्‍णा राजा वाडियार से मुलाकात की और उनसे कहा कि आप एक स्वदेशी फैक्ट्री लगाएं और एक फैक्ट्री में लगाता हूं साबुन का फार्मूला मैं आपको देखता हूं तब मैसूर के राजा ने 1916 में बेंगलुरु में मैसूर सैंडल सॉप कंपनी की स्थापना की और पहला स्वदेशी साबुन भारत में बना।  मगर उस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था इसलिए इसकी बिक्री 1918 में हुई..!

इस साबुन की खासियत है कि इससे अगर एक बार कोई नहाले तो 2 दिन तक इस साबुन की महक उसके शरीर से नहीं जाती है, क्योंकि यह चंदन से बना साबुन है  और आज भी ब्रिटेन की महारानी इसी साबुन से नहाती है यह भारत का लग्जरी शाही साबुन है..!

प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में  त्वचा संबंधी रोग फैला था,  इसी को ध्यान में रखकर 1918 में जमशेद टाटा ने केरल में नीम का साबुन बनाया था, उसका नाम बाद में हमाम पड़ा था। जमशेद टाटा ने उस वक्त यह साबुन गरीबों को मुफ्त बांटे थे ताकि वह बीमारी से ठीक हो जाये। 

मैसूर सैंडल सॉप और हमाम साबुन उस वक्त भारत में इतने ज्यादा बीके कि लीवर ब्रदर्स कंपनी को उस वक्त लाखों रुपए का नुकसान हुआ था। 
तो अंग्रेजों ने लीवर ब्रदर्स को बचाने के लिए इन साबुन पर रोक लगा दी थी,  अंग्रेजों का यह प्लान सफल नहीं हुआ इसीलिए अंग्रेजों ने अपनी सेना और उनके परिवारों के लिए लीवर ब्रदर्स के साबुन को अनिवार्य कर दिया..!
 लीवर ब्रदर्स के लिए ट्रांसपोर्टेशन महंगा पड़ रहा था इसलिए उसने भी भारत में ही साबुन बनाने का काम शुरू किया।  और उसके बाद उसने ब्रिटिश सेना की मदद से अपना प्रचार करवाया और अपने घाटे की भरपाई की। मगर 1931 में भगत सिंह को फांसी दिए जाने के बाद  फिर से लोग स्वदेशी की तरफ आ गए, और यह दोनों साबुन इतने प्रसिद्ध हुए की भारत से एक्सपोर्ट होने लग गए.! 

जमशेद टाटा दूरदर्शी व्यक्ति थे वे भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे इसीलिए उनके चार सपने थे पहला स्टील का कारखाना भारत में लगाना,  दूसरा आवागमन के लिए साधन बनाना तीसरा पानी से बिजली बनाना और चौथा होटल बनाना.! मगर जमशेदजी अपनी उम्र में सिर्फ एक सपना ही पूरा कर सके थे वह था होटल बनाना जो मुंबई में आज भी ताज होटल के नाम से विख्यात है.!

 यह देश का पहला होटल है जिसमें बिजली थी हर कमरे में पंखे अमेरिका से मंगवा कर लगाए थे.!  यह होटल भी जिद की वजह से बनाया था जब जमशेद टाटा विदेश गए थे तो उन्हें होटल में नहीं रुकने दिया गया था क्योंकि वह भारतीय काले इंसान थे और होटल अंग्रेज गौरो का था  मजबूरी वश उन्हें विदेश में सड़क पर सोना पड़ा, 12 दिन विदेश में रुकने के बाद भारत आकर उन्होंने सर्वप्रथम होटल बनाया। जमशेद टाटा के बाकी के तीनों सपने उनके बेटे और पोते ने पूरे किए।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रथम विश्व युद्ध में दर्द की कोई गोली नहीं थी जमशेद टाटा ने चाइना से अफीम मंगवा कर अंग्रेजों को दी थी। 
जमशेद टाटा लीगल तरीके से भारत के पहले अफीम आयात करने वाले व्यक्ति बने थे। 
इसके बाद इसी अफीम से दर्द निवारक गोलियां बनी और भारत में अफीम पैदा होने लगी, इसका भी श्रेय जमशेद टाटा जी को ही जाता है। 

लोग चाहे रामदेव बाबा का मजाक उड़ाए,  मगर यह सत्य है कि जमशेद टाटा के बाद विदेशी कंपनियों को टक्कर रामदेव बाबा ने ही दी है।

भारत में पहली कार भी जमशेद टाटा ने ही खरीदी थी।
 और भारत में पहला आवागमन का साधन बस और ट्रक टाटा ने ही भारत को दिया है। 

 जब भी भारत में संकट आता है तब भारत के व्यापारी और भारतीय कंपनियां ही मदद के लिए आगे आती हैं अतः आप सभी से विनती है कि स्वदेशी अपनाएं और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें।

Domestic Flight Protocol post Covid19 Lockdown

*Airport Authority of India Standard Operating Procedure for recommencement og Domestic Flights*
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Saturday, May 23, 2020

Point 2 Ponder Covid19

*अपने जिस आशियाने में बैठे-बैठे आप बोर हो रहे हैं उसी तक पहुंचने के लिए लोग कई किलोमीटर पैदल चल रहे हैं और बहुत ने तो अपनी जान भी गंवा दी है हजारों लोग अभी भी इसी आस में बैठे हैं कि कब किसी तरह हम अपने बच्चों के साथ वहां पहुंच जाए। आज यदि आप सपरिवार अपने घर में स्वस्थ है और दो टाइम का भोजन मिल रहा है तो समझ लीजिए कि आप दुनिया के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति है।...*

*घर पर रहे सुरक्षित रहे*