महान संत, सिख पंथ के संस्थापक और प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज के पावन प्रकाश पर्व पर उन्हें कोटिशः नमन एवं सभी सिख बंधुओं, श्रद्धालुओं व वासियों को हार्दिक बधाई!
मानवता के कल्याण को समर्पित उनकी शिक्षाएं समतामूलक समाज की स्थापना की राह दिखाती हैं।
गुरु पर्व सिख पंथ का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। गुरु नानक देव जी सिख पंथ के पहले गुरु थे। उनका जन्म 29 October 1469 को पंजाब के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। गुरु पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में जाकर गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिख पंथ का पवित्र ग्रंथ है। गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन और प्रभात फेरियां भी निकाली जाती हैं।
गुरु पर्व पर सिख लोग लंगर का भी आयोजन करते हैं। लंगर एक ऐसा भोजन है जो सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होता है। यह सिख पंथ के समानता और भाईचारे के सिद्धांतों को दर्शाता है। गुरु पर्व सिख समुदाय के लिए एक खुशी का अवसर है। इस दिन सिख लोग गुरु नानक देव जी के आदर्शों को याद करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
यह दिन सिख समुदाय के लिए एकजुटता, भाईचारे और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।