Tuesday, October 7, 2014

Hindi is Great and Ancient Language

हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये बात देखने में नहीं आती | ______________________ क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है। एक बार बोल कर देखिये | च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है। एक बार बोल कर देखिये | ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है। एक बार बोल कर देखिये | 😀 त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है। एक बार बोल कर देखिये | प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है। एक बार बोल कर देखिये । 😀 ________________________ हम अपनी भाषा पर गर्व करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईये | इतनी वैज्ञानिकता दुनिया की किसी भाषा मे नही है जय हिन्द क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर करें.... •••••••••••••••••••••••••••••••••••• क - क्लेश मत करो ख- खराब मत करो ग- गर्व ना करो घ- घमण्ड मत करो च- चिँता मत करो छ- छल-कपट मत करो ज- जवाबदारी निभाओ झ- झूठ मत बोलो ट- टिप्पणी मत करो ठ- ठगो मत ड- डरपोक मत बनो ढ- ढोंग ना करो त- तैश मे मत रहो थ- थको मत द- दिलदार बनो ध- धोखा मत करो न- नम्र बनो प- पाप मत करो फ- फालतू काम मत करो ब- बिगाङ मत करो भ- भावुक बनो म- मधुर बनो य- यशश्वी बनो र- रोओ मत ल- लोभ मत करो व- वैर मत करो श- शत्रुता मत करो ष- षटकोण की तरह स्थिर रहो स- सच बोलो ह- हँसमुख रहो क्ष- क्षमा करो त्र- त्रास मत करो ज्ञ- ज्ञानी बनो !!