Sunday, August 17, 2014

Krishna

राधा ने पूछा मोहन से) :- तुम्हें सब
लोग चोर क्यों कहते हैं ?
(मोहन जी बोले) :- राधे, मैं चोर हूँ,
तभी तो लोग कहते हैं I
(राधा जी ने फिर पूछा) :- तुम क्या -
क्या चुराते हो ?
(कान्हा जी बोले) :- तो फिर सुनो,
जब मैं छोटा था तब मैं सब का मन चुराया करता था I
फिर थोड़ा बड़ा हुआ तो मैं माखन चुराने लगा
जब थोड़ा और बड़ा हुआ तो मैंने
गोपिओं के वस्त्र चुराये I
उस के बाद मैं
भक्तों के प्यार में ऐसा हो गया, की मैंने
एक नए तरह की चोरी शुरू कर
दी I
(राधा जी बोली) :-
कैसी चोरी ?
(कान्हा जी ने बड़ा अच्छा जवाब
दियi) :- आज कल मैं अपने भक्तों के पाप
भी चुरा लेता हूँ I