Tuesday, January 27, 2015

महाराणा के हाथी की कहानी

आज भारत के पहले national हीरो महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि है। मित्रो आप सब ने महाराणा प्रताप के घोंड़े चेतक के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन उनका एक हाथी था। जिसका नाम था रामप्रसाद उसके बारे में
आपको कुछ बाते बताता हु।

रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल बदायुनी ने
जो मुगलों की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में कीया है। वो लिखता है की जब महाराणा पर अकबर ने चढाई की थी तब उसने दो चीजो की ही बंदी बनाने की मांग की थी एक तो खुद महाराणा और दूसरा उनका हाथी रामप्रसाद।

आगे अल बदायुनी लिखता है की वो हाथी इतना समजदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेली ही अकबर के 13
हाथियों को मार गिराया था और वो लिखता है : उस हाथी को पकड़ने के लिए हमने 7 हाथियों का एक चक्रव्यू बनाया और उन पर 14 महावतो को बिठाया तब कही जाके उसे बंदी बना पाये।

अब सुनिए एक भारतीय जानवर
की स्वामी भक्ति।
उस हाथी को अकबर के समक्ष पेश किया गया जहा अकबर ने उसका नाम पीरप्रसाद रखा। रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने और पानी दिया। पर उस स्वामिभक्त हाथी ने 18 दिन तक मुगलों का न दाना खाया और न पानी पीया और वो शहीद हो गया तब अकबर ने कहा था कि;- जिसके हाथी को मै मेरे सामने नहीं झुका पाया उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाउँगा।

ऐसे ऐसे देशभक्त चेतक व रामप्रसाद जैसे
तो यहाँ जानवर थे। इसलिए मित्रो हमेशा अपने भारतीय होने पे गर्व करो।