Wednesday, December 31, 2014

माँ

एक गाँव में 10, सालका लड़का अपनी माँ के साथरहता था।माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले मेंजाएगा,उसके पास10 रुपए तो हो,ये सोचकर माँ ने खेतो में कामकरके शाम तक पैसे लेआई।बेटा स्कूल से आकरबोला खाना खाकरजल्दी सो जाता हूँ, कल मेले मेंजाना है।सुबह माँ से बोला -मैं नहानेजाता हूँ,नाश्ता तैयाररखना,माँ ने रोटी बनाई,दूधअभी चूल्हे पर था,माँ ने देखा बरतन पकडने के लिएकुछ नहीं है,उसने गर्म पतीला हाथ सेउठा लिया,माँ का हाथ जलगया।बेटे ने गर्दन झुकाकर दूधरोटी खाई और मेले मेंचला गया।शाम को घर आया,तो माँ नेपूछा - मेले में क्या देखा,10रुपएका कुछ खाया कि नहीं..!!बेटा बोला -माँ आँखें बंद कर,तेरे लिए कुछलाया हूँ।माँ ने आँखें बंद की,तो बेटे ने उसकेहाथ में गर्म बरतनउठानेकेलिए लाई संडासी रख दी।अबमाँ तेरे हाथनहीं जलेंगे।माँ की आँखों से आँसू बहने लगे।दोस्तों,माँ के चरणों मे स्वर्ग हैकभी उसे दुखी मत करोसब कुछ मिल जाता है,पर माँ दुबारा नहीं मिलती।माँ,मेरा गुरू,माँ कल्पतरू,माँ सुख का सागर..!!" मेरी माँ "